स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।
. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
ब्रह्म more info – कुल – वल्लभं, सुलभ Shiv chaisa मति दुर्लभं, विकट shiv chalisa lyricsl – वेषं, विभुं, वेदपारं ।
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
शिव भजन